Description
स्कंद पुराण (Skanda Purana) हिन्दू धर्म का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित है। यह पुराण 18 महापुराणों में से एक है और इसका नाम भगवान स्कंद (क Kartikeya) के नाम पर रखा गया है। स्कंद पुराण का मुख्य उद्देश्य धार्मिक ज्ञान, कथा और उपदेश प्रदान करना है।
स्कंद पुराण के प्रमुख तत्व:
- संरचना: स्कंद पुराण का आकार बहुत बड़ा है, इसमें लगभग 81,000 श्लोक होते हैं। यह पुराण कई हिस्सों में बांटा गया है, जैसे कि महेश्वर खंड, काशी खंड, विष्णु खंड, और अन्य।
- कथाएँ: स्कंद पुराण में भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान स्कंद (कartikeya) की कथाएँ विशेष रूप से वर्णित हैं। इसमें देवी पार्वती और शिव की महिमा, भगवान राम और कृष्ण के प्रसंग, और कई धार्मिक उपदेश भी दिए गए हैं।
- भगवान स्कंद का महात्म्य: इस पुराण में विशेष रूप से भगवान स्कंद के जन्म, उनकी बाल्यावस्था, उनके द्वारा राक्षसों का वध करने और उनके वीरता के बारे में विस्तार से बताया गया है। स्कंद पुराण में उनका जन्म और उनके द्वारा राक्षसों को पराजित करने की कथा प्रमुख रूप से आती है।
- कथा के उद्देश्य: स्कंद पुराण में मुख्य रूप से यह बताया गया है कि पापों से मुक्ति पाने के लिए भक्ति, तपस्या और धार्मिक आचारण की आवश्यकता है। यह पुराण भगवान शिव, विष्णु और स्कंद की उपासना और उनके गुणों का विस्तार से वर्णन करता है।
- काशी खंड: स्कंद पुराण का एक महत्वपूर्ण भाग काशी खंड है, जो वाराणसी (काशी) के महात्म्य को बयां करता है। यह खंड यह बताता है कि काशी की यात्रा और वहां के प्रमुख तीर्थों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मुक्ति प्राप्त होती है।
स्कंद पुराण का महत्व:
- यह हिन्दू धर्म के धार्मिक अनुष्ठान, पूजा विधि और भगवान के भक्तों के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- इसमें दी गई उपदेशों और कथाओं के माध्यम से व्यक्ति को जीवन के उद्देश्य, धर्म, सत्य, और भक्ति के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है।
- स्कंद पुराण को विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है जो भगवान स्कंद या भगवान शिव की पूजा करते हैं।
स्कंद पुराण एक अद्भुत धार्मिक ग्रंथ है, जो हिन्दू धर्म के सिद्धांतों और आस्थाओं को समझने में सहायक है।
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