Sale!

Shrimad Bhagwat Gita Code 502 shlokarth Gita press

Original price was: ₹210.00.Current price is: ₹139.00.

महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। आज से (सन 2023) लगभग 4500 वर्ष (2175 ई.पू.) पहले गीता का ज्ञान बोला गया था। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों को गाय और गीता को उसका दुग्ध कहा गया है। इसका तात्पर्य यह है कि उपनिषदों की जो अध्यात्म विद्या थी, उसको गीता सर्वांश में स्वीकार करती है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। जैसे, संसार के स्वरूप के संबंध में अश्वत्थ विद्या, अनादि अजन्मा ब्रह्म के विषय में अव्ययपुरुष विद्या, परा प्रकृति या जीव के विषय में अक्षरपुरुष विद्या और अपरा प्रकृति या भौतिक जगत के विषय में क्षरपुरुष विद्या। इस प्रकार वेदों के ब्रह्मवाद और उपनिषदों के अध्यात्म, इन दोनों की विशिष्ट सामग्री गीता में संनिविष्ट है। उसे ही पुष्पिका के शब्दों में ब्रह्मविद्या कहा गया है

Add To Wishlist Compare

Additional information

Weight 0.25 g
Dimensions 18 × 15 × 3 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

You may also like…

Cart
Varah Puran Code - 1361 by Gita Press Gorakhpur Only HindiVarah Puran Code - 1361 by Gita Press Gorakhpur Only Hindi
269.00
×
Vinay Patrika Code 1701 Small sizeVinay Patrika Code 1701 Small size
160.00
×
Shri Ramcharitmanas Code 82 Majhla Size Arth sahitShri Ramcharitmanas Code 82 Majhla Size Arth sahit
270.00
×
Durga Saptshati Chitrmay Colored code 2304Durga Saptshati Chitrmay Colored code 2304
559.00
×

Add to cart

message us
Scan the code
Geetapress.in
राम राम जी !
किसी भी सहायता के लिए Whatsapp से संपर्क करे